
नवंबर का महीना शुरू होते ही हल्की सर्दी का एहसास होना भी शुरू हो गया है। वहीं मौसमी बीमारियों जैसे, खांसी, जुकाम, बुखार, शरीर दर्द ने लोगों को परेशान कर रखा है। इसके चलते नदबई के राजकीय उप जिला अस्पताल की ओपीडी 700 के पार पहुँच गई है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक मरीज बुखार, खांसी, सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से पीड़ित होकर इलाज के लिए आ रहे हैं।
दिवाली के बाद बढ़ा प्रदूषण, खांसी और सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या में वृद्धि
दिवाली के बाद प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी से सांस संबंधी समस्याएं भी तेजी से बढ़ी हैं। खासतौर पर खांसी और अस्थमा के मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। डॉक्टर पवन गुप्ता के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण बच्चों और बुजुर्गों पर इसका अधिक असर देखने को मिल रहा है। धूल और धुएं की वजह से लोगों में गले में खराश, खांसी और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
डेंगू का कहर जारी, बचाव के उपाय बता रहे डॉक्टर
डेंगू का प्रकोप भी खत्म नहीं हो रहा है। अस्पताल में लगातार डेंगू के नए मामले सामने आ रहे हैं। अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर लगातार मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि, लोगों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए और आसपास पानी जमा ना होने दें, जिससे मच्छर ना पनपे।
डॉक्टरों की सलाह: बचाव के उपाय अपनाएं
डॉक्टर पवन गुप्ता ने बताया कि सर्दियों के मौसम में संक्रमण तेजी से फैलता है। इसलिए लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए। वे नियमित रूप से मास्क पहनने, साफ-सफाई बनाए रखें। साथ ही, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हल्की सी भी बीमारी महसूस होने पर लोग तुरंत अस्पताल आकर परामर्श लें, ताकि बीमारी का समय रहते इलाज हो सके।