नदबई में 6 दिसंबर से श्रीमद् भागवत कथा का दिव्य आयोजन: अंतरराष्ट्रीय कथावाचक श्रीकृष्ण चंद्र शास्त्री करेंगे कथा का वाचन; पोस्टर का हुआ विमोचन

धर्म और आध्यात्म से ओतप्रोत नदबई की धरती पर 6 दिसंबर से श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ होने जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक भागवत भास्कर श्रीकृष्ण चंद्र शास्त्री (ठाकुर जी) अपनी अमृतमयी वाणी से कथा का वाचन करेंगे। कथा को लेकर नदबई सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।

कथा के पोस्टर का विमोचन
बुधवार को कथा के पोस्टर का विमोचन गिरधर गोपाल मंदिर में किया गया। इस दौरान आयोजनकर्ता घनश्याम शर्मा और दीपक कटारा ने मीडियाकर्मियों को विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर अवधेश कटारा, नितिन पंडित निक्की, पिंटू पंडित, अंकित उपाध्याय, अंकित शुक्ला, ऋतिक शर्मा, देवेश, विनय, बिट्टू, खली, विशाल, योगेश, अमित पंडित, राकेश शर्मा आदि मौजूद थे।

6 से 12 दिसंबर तक चलेगी कथा, भव्य कलश यात्रा से होगा शुभारंभ
आयोजन समिति के प्रमुख घनश्याम शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि, यह कथा 6 दिसंबर से 12 दिसंबर तक चलेगी। प्रतिदिन कथा का समय दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया गया है। कथा का आयोजन स्थल पुरानी चुंगी, नगर रोड, नदबई के पास होगा। जिसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।

भव्य कलश यात्रा के साथ होगा कथा का शुभारंभ
दीपक कटारा के अनुसार, कथा का शुभारंभ 6 दिसंबर को भव्य कलश यात्रा के साथ होगा। कलश यात्रा में सैकड़ों महिलाएं कलश लेकर नगर भ्रमण करेंगी। जिसके लिए जगह जगह तोरण द्वार लगाए जाएंगे। साथ ही बैंड बाजा, डीजे कलश यात्रा में होंगे, कलश यात्रा रेलवे स्टेशन से शुरू होकर कथा स्थल पहुंचेगी।

13 दिसंबर को विशाल भंडारे का आयोजन
12 दिसंबर को कथा के समापन के बाद, 13 दिसंबर को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे कथा और भंडारे में भाग लेकर धर्मलाभ प्राप्त करें।

तैयारियों में जुटी टीम
कार्यक्रम को भव्य और सफल बनाने के लिए आयोजन टीम दिन-रात तैयारियों में जुटी हुई है। पंडाल की साज-सज्जा, कलश यात्रा की रूपरेखा, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुरक्षा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

श्रीकृष्ण चंद्र शास्त्री: भक्ति और वाणी के अद्वितीय साधक
श्रीकृष्ण चंद्र शास्त्री (ठाकुर जी) न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर भी अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं। उनकी वाणी में ऐसा भक्ति रस और ऊर्जा है कि सुनने वाले भावविभोर हो जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि उनकी कथा के दौरान ऐसा प्रतीत होता है मानो भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं सजीव हो उठी हों।

शास्त्री जी ने अमेरिका, कनाडा, यूरोप और अन्य कई देशों में श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से आध्यात्मिक संदेश का प्रसार किया है। अब नदबई के श्रद्धालुओं को भी उनके सान्निध्य का सौभाग्य प्राप्त होगा।

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