
नदबई तहसील के 3 अलग – अलग गांवों में दीवाली की रात को अज्ञात कारणों से 4 किसानों की करीब 28 बीघा की कड़बी में भीषण आग ने ग्रामीणों में हड़कंप मचा दिया। आग लगने से करीब 28 बीघा की कड़बी जलकर खाक हो गई। आग का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, आग लगने से 3 गांवों के 4 किसानों का हजारों का नुकसानों हुआ है। मौके पर पहुंची नदबई नगर पालिका की दमकल गाड़ी ने ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पाया।
गांव न्यौठा में 12 बीघा कड़बी जलकर राख
फायर ड्राइवर जतिन सिंघल ने बताया कि, गांव न्यौठा में भरत लाल सैनी ने अपनी 12 बीघा की कड़बी को खेत में एक जगह इकट्ठा कर रखा हुआ था। जहां देर रात को कड़बी में अज्ञात कारणों से अचानक आग लग गई। आग इतनी भयानक थी कि, ग्रामीणों को समझ नहीं आया कि, इसे कैसे काबू किया जाए। गांववासियों ने तुरंत दमकल विभाग को सूचित किया, सूचना पर दमकल कर्मी वीकेश और कमल दमकल गाड़ी को मौके पर लेकर पहुंचे और ग्रामीणों के सहयोग से कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया जा सका। जहां भरत लाल सैनी को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है।
गांव नाम में 8 बीघा कड़बी और 1 बिटोरा में आग
इसी तरह गांव नाम में ओमसिंह पुत्र सुक्की और श्रीकांत पुत्र गोविंद की 8 बीघा कड़बी और 1 बिटोरा में भी अज्ञात कारणों से आग लग गई। आग लगते ही वहां अफरातफरी मच गई, और आसपास के ग्रामीण आग को काबू करने के प्रयास में जुट गए। लेकिन आग की लपटें खतरनाक थीं, दमकल के आने तक काफी हद तक नुकसान हो चुका था। दोनों किसानों का हजारों का नुकसान होना बताया जा रहा है। दमकल कर्मी मुकेश ने बताया कि, आग लगने का कारण अभी पता नहीं चला है। मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाया गया।
गांव भौसिंगा में 8 बीघा कड़बी जलकर खाक
दमकल कर्मी विनोद कुमार ने बताया कि, गांव भौसिंगा में मुंशी जाटव ने अपनी 8 बीघा कड़बी को खेत में रखा था। देर रात को 8 बीघा की कड़बी में अचानक से भीषण आग लग गई। ग्रामीणों ने बताया कि आग लगने का कारण अब तक अज्ञात है, लेकिन घटना ने किसान की मेहनत पर पानी फिर गया है। दीवाली के त्यौहार पर इस तरह की घटना से मुंशी जाटव का परिवार दुखी और परेशान है। आग लगने से मुंशी का हजारों का नुकसान हुआ। ग्रामीणों की सूचना पर दमकल गाड़ी तुरंत मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया गया।
दमकल विभाग ने कड़ी मशक्कत कर पाया आग पर काबू
दमकल विभाग के कर्मचारियों ने तीनों गांवों में आग को बुझाने में काफी मेहनत की और आखिरकार आग पर काबू पा लिया। इस घटना ने ग्रामीणों को आग की रोकथाम के उपायों पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।