
नई दिल्ली: Infosys के संस्थापक एन. आर. नारायण मूर्ति ने हाल ही में एक बयान में कहा कि भारत में एक बड़ी चुनौती यह है कि यहां की मानसिकता समस्या को ठीक से परिभाषित करने और समाधान खोजने पर पर्याप्त रूप से केंद्रित नहीं है। उन्होंने इसे उन प्रमुख कारणों में से एक बताया, जिनके चलते भारत में बड़े स्तर पर लैंग्वेज मॉडल (LLM) विकसित करने का प्रयास व्यर्थ हो सकता है।
मूर्ति ने बताया कि भारत में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विशेष रूप से, लोग अक्सर पहले से मौजूद समाधानों का उपयोग करना पसंद करते हैं, बजाय इसके कि वे जटिल समस्याओं की गहराई में जाकर उन्हें हल करने के तरीके विकसित करें। उन्होंने कहा कि बड़ी तकनीकी कंपनियों में देखा गया है कि हमारे पास तकनीकी प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन कई बार उस प्रतिभा को सही दिशा में मोड़ना एक चुनौती बन जाती है। “जब तक हम समस्या परिभाषा और समस्या समाधान की बुनियादी मानसिकता नहीं अपनाते, तब तक हम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व स्तरीय नवाचार नहीं कर सकते,” मूर्ति ने कहा।
उनके अनुसार, भारत को सफलतापूर्वक एक LLM जैसे जटिल मॉडल को विकसित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता है। ऐसा करने के लिए केवल प्रतिभा की आवश्यकता नहीं है, बल्कि सही दृष्टिकोण और गहरी समझ की भी जरूरत है। मूर्ति का मानना है कि बड़े पैमाने पर भारतीय समाज में शिक्षा और मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता है ताकि जटिल समस्याओं को हल करने की योग्यता विकसित की जा सके।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि भारत अपनी तकनीकी ताकत को और प्रभावी तरीके से निखारना चाहता है, तो उसे केवल तकनीकी ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय समस्याओं की सही परिभाषा और उनका समाधान करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देना होगा।